परम पूजनीय श्री गुरुजी के प्रेरक संस्मरण परम पूजनीय श्री गुरुजी के प्रेरक संस्मरण - दत्तोपंत ठेंगड़ीआग्रही कर्मनिष्ठासु
मेरी कामना – दत्तोपंत ठेंगड़ी सुनता और पढ़ता आया हूँ कि इच्छाएं ‘इत्यलम’ कहना नहीं जानती और चाहों का चक्र कभी नहीं थमता । मगर मैं तो कामना
आदर्श आत्मविलोपी मोरोपंत पिंगले आदर्श आत्मविलोपी मोरोपंत पिंगले – दत्तोपंत ठेंगड़ीमोरोपंत जी के गौरव समारोह मे
एक तपस्वी का स्वर्गारोहण - एस० गुरुमूर्ति ठेंगड़ी जी भविष्यद्रष्टा थे। उन्होंने 1955 में जिस भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की थी, वह
हिन्दुत्व के सर्वसमावेशक चिंतक - परम पूजनीय के० एस० सुदर्शन जी पुणे से श्री दतोपंत ठेंगड़ी के देहावसान का समाचार सुनकर अवसन्न हो गया। पिछले छह दशकों से
युग ऋषि एवं राष्ट्र ऋषि - डॉ० महेश चन्द्र शर्मा श्रद्धेय दत्तोपंत ठेंगड़ी का व्यक्तित्व बहुआयामी था, वे सिद्धांत में ही नहीं व्यवहा
सर्वोत्तम पुरुष का साकार रूप - मुकुन्द गोरे यह मेरा सद्भाग्य है कि मुझे स्वर्गीय दत्तोपंत जी का सानिध्य बहुत मिला। जि
The Thought Giver - Saroj Kumar Mitra “Dattopant is our thought giver,”remarked second R S S sarsanghachalak Shri Guruji Golwalkar at Thane meeting of the RSS held at Twatta Gyana Vidya Peeth of Pandurang Shashtri Athawale
The Builder of ‘HIMALAYAS’ - Pawan Kumar Born in a middle-class family on November 10, 1920 at Aarvi village in Wardha district of Maharashtra, Shri Dattopant Bapurao Thengadi left deep imprints on the national life of Bharat.
Master of All - Shridhar Prabhu There are three acclaimed ways in which Shri Dattopant Thengadi is invoked. First, as founder and mentor of the organisations he founded: Bharatiya Mazdoor Sangh, Kisan Sangh, Adhivakta Parishad, Paryavaran
Doyen of Labour Movement - C. K. Saji Narayanan The ideological life that Thengadiji lived would continue to shed light through the works oflakhs of dedicated people who are in the process of rebuilding the nation. History will remember